Month: March 2019
याद नहीं रहता
छोटे भाई ने बड़े भाई का लड्डु मुँह में डाला ही था कि बड़े ने उसका मुँह दबाकर लड्डु निकाल लिया । छोटा – जितनी
व्रत / संयम / तप
व्रत – Break, संयम – सावधानी पूर्वक Driving, तप – Full Speed से Drive करना । संयम में मन मोड़ा जाता है, तप में मन
जिज्ञासा / क्षमता
पाचन-शक्ति के अभाव में, अकेले घी पीने से कोई पहलवान नहीं बनता, इसी तरह श्रद्धा/जिज्ञासा/प्रारम्भिक-ज्ञान बिना,अध्यात्म-ग्रंथ पढ़ लेने से कोई ज्ञानी नहीं बनता ।
सकारात्मक वर्गणायें
सारे लोग Exercise मैदान के एक कोने में ही आकर करते हैं । ऐसे ही सम्मेदशिखर पर वर्गणायें मुक्त होने वाले जीवों को खींचती हैं
जीवन
बचपन में – ज्ञानार्जन, युवावस्था में – धनार्जन, वृद्धावस्था में – पुण्यार्जन (करना तो चाहिये तीनों अवस्थाओं में )
सम्यक्ज्ञान
इसके भी 8 अंग होते हैं, (शब्दाचार, अर्थाचार, तदुभयाचार, कालाचार, विनयाचार, उपधानाचार – बार बार स्मरण करना, बहुमानाचार, अनिन्हवाचार) । यदि उनका पालन ना किया
पर-दृष्टि
दर्पण में छवि दुगनी दूरी पर बनती/दिखती है । दूसरे की दृष्टी से अपने आप को देखोगे तो बहुत दूरी से देखने के कारण सही
संहनन/भावना
हीन-संहनन वाला मोक्ष ना जाये पर मोक्षमार्गी तो बन सकता है, पर हीन-भावना वाला तो सम्यग्दर्शन भी प्राप्त नहीं कर सकता है । मुनि श्री
विज्ञान / वीतराग विज्ञान
विज्ञान प्रयोगों पर आधारित, निर्णय बदलते रहते हैं, वीतराग विज्ञान, आत्मानुभव पर आधारित, ना बदलने वाला । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सम्यक्त्व / मिथ्यात्व
कुंए में गिरा हुआ, सांप को पकड़ कर भी बाहर आ सकता है, पर खतरा सांप से काट खाने का है (मिथ्यात्व का सहारा), सम्यग्दृष्टि
Recent Comments