Month: May 2019
तीर्थंकर प्रकृति में अनुभाग
तीर्थंकर-प्रकृति बंध में अनुभाग अलग अलग होता है (अलग अलग व एक तीर्थंकर का), श्रेणी चढ़ते समय उत्कृष्ट हो जाता है, सामान्यकेवली का भी ।
Sluggish
Even if you are on the right track, you will get run over if you move slowly.
आत्मानुभव
दाल के साथ नमक का असली/पूरा स्वाद नहीं लिया जा सकता, ऐसे ही कर्मों/विषय भोगों से लिप्त जीव के द्वारा आत्मानुभव कैसे किया जा सकता
दिल की कालिमा
हम बालों की स्याही खत्म होने तक भी दिल की स्याही खत्म नहीं कर पाते हैं । (डॉ.पी.एन.जैन)
छाछ की मर्यादा
दही की मर्यादा 24 घंटे, बिलोने पर मर्यादा (छाछ की) 6 घंटे और होगी । मुनि श्री सुधासागर जी
भाग्य / पुरुषार्थ
तेंदुलकर बनने में पुरुषार्थ की मुख्य भूमिका थी, पर उनका ज़ीरो पर आऊट होना, भाग्य था । चिंतन
द्रव्य/भाव पूजा
द्रव्य पूजा से द्रव्य/संसार बढ़ता है, भाव पूजा से भाव/परमार्थ । इसीलिये मुनि भावपूजा और गृहस्थ भाव सहित द्रव्य पूजा करते हैं । मुनि श्री
व्यवहार/निश्चय स.दर्शन
व्यवहार स.दर्शन के साथ चारित्र हो भी सकता है अथवा बाद में भी हो । पर निश्चय स.दर्शन में तीनों साथ ही होंगे । ज्ञानशाला
संस्कृति
विकृति को परिष्कृत करना संस्कृति है, जैसे पत्थर से विकृति निकालने से वह भगवान बन जाता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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