Month: May 2019

मूर्ति / दरवाजा 

आ. श्री जिनसेन प्रतिष्ठा-ग्रंथानुसार…. मंदिर की मूर्ति से दरवाजा 14% बड़ा होना चाहिये । मुनि श्री सुधासागर जी

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जन्माभिषेक

जन्माभिषेक के समय मूर्ति अप्रतिष्ठित होती है, फिर भी धोती दुपट्टे में ही अभिषेक करते हैं ताकि व्यवस्था/संस्कार बने रहें क्योंकि प्रतिष्ठित मूर्ति भी दिखने

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विड़म्बना

ज़हर देने वाले को सज़ा होती है, तम्बाखू/शराब का ज़हर देने वाले को धनाढ़्य का सम्मान ।

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उपयोग

अशुभपयोग -> औदयिक भाव, शुभोपयोग -> क्षयोपशमिक, शुद्धोपयोग -> क्षयोपशमिक/औपशमिक/क्षायिक (श्रेणी चढ़ते समय) ।

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शब्द

सिर्फ मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसके शब्दों में ज़हर होता है । (श्रीमति शर्मा)

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तीर्थंकर-प्रकृति बंध

तीर्थंकर-प्रकृति बंध सिर्फ 16 कारण भावना भाने से नहीं होता बल्कि उसके साथ आचरण और ज़रूरी विशुद्धता भी होनी चाहिये । मुनि श्री सुधासागर जी

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निमित्त

निमित्त की दासता नहीं, पर उपयोग करें । मोक्षमार्ग में भी निमित्त के बिना काम नहीं ।

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धर्म

जो धर्म को धारण करता है, वह उदाहरण बन जाता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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मंगल आशीष

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May 11, 2019