Month: July 2019
संसार / भगवान
अन्य मतों में भगवान (बीज रूप) पहले संसार बाद में, जैन मत में संसार पहले भगवान (फल रूप) अंत में (बनते हैं) । मुनि श्री
देवों की गति
देवों के विमान किसी मुनि (भावलिंगी) के ऊपर से Cross नहीं कर सकते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी
6 आवश्यक
घी बहुत फायदेमंद है/रूचिकर भी है, तो क्या सिर्फ घी पीकर रह सकते हो ! इसीलिये 6 आवश्यक बताये हैं । आचार्य श्री विद्यासागर जी
अधूरी-ज़िन्दगी
कभी हँसते हुए छोड़ देती है, ये ज़िंदगी; कभी रोते हुए छोड़ देती है, ये ज़िंदगी । न पूर्ण-विराम सुख में, न पूर्ण-विराम दुःख में,
सम्यग्दर्शन
सच्चे देव,गुरु,शास्त्र पर परमार्थ के लिये श्रद्धा से ही सम्यग्दर्शन होता है । मुनि श्री सुधासागर जी
आनंद
ज़िन्दगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए, लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है। (श्रीमति
प्रथमानुयोग
प्रथम पढ़ने के लिये प्रथमानुयोग में उन शलाका पुरुषों की जीवनी है जो प्रथम थे जैसे तीर्थंकरादि । मुनि श्री सुधासागर जी
प्रतिष्ठा
चरित्र वृक्ष के समान है, लेकिन प्रतिष्ठा उसकी छाया* है.. 🙏 मंजू 🌳 * पापोदय से यदि बादल छा जांय तो छाया नहीं पड़ेगी, लेकिन
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