Month: May 2020
आत्मिक सुख
जिन सांसारिक चीजों (धनादि) के अभाव में संसारी दुखी होता है, उन्हीं के अभाव में जब आनंद आने लगे जैसे साधुओं को आता है, उसे
अच्छा/बुरा समय
दुर्योधन के पास अजेय योद्धा होते हुये भी हारने का कारण है – उसने अच्छे समय में उनको(अजेय योध्दाओं को) याद नहीं किया, इसलिये बुरे
निमित्त / पुरुषार्थ
आचार्य मानतुंग ने भक्तामर से 48 ताले तोड़ दिए थे, गुरु जी आप Lock-down तोड़ दें ! उन्होंने अपने ताले तोड़े थे, दूसरों के नहीं;
पानी
1. गर्म तवे पर ठंडा पानी डालोगे तो उड़ जायेगा, गर्म टिकेगा । सो गर्म पानी पियें । 2. भोजन ऐसा (सादा) करें जिसे पचाने
आकाश और रंग
आकाश वैसे तो अरूपी/वर्ण रहित है । पर यह पुदगल पिंड़ों से भरा हुआ है, सो चाँदनी रात में दूधिया, सूर्य से लाल/पीला, रात को
ज्ञान
ज्ञान 1. इंद्रिय – 2. अतींद्रिय – मन से 3. अनींद्रिय – आत्मज्ञान 1, 2 – शरीर के साथ यहीं छूट/रह जाते हैं 3 –
धन
धन ज़रूरत के लिये, ज़रूरतमंदों के लिये, जोड़ने और छोड़ने के लिये नहीं । नाव को मंज़िल तक पहुँचाने के लिये, नाव में भरने/डुबाने के
देश-रक्षा
देश-रक्षा करते समय प्राणों की आहूति दी तो स्वर्ग । राज्य बढ़ाते समय ? यदि चक्रवर्ती जैसा नियोग है, तो नरक नहीं; लिप्सा है, तो
कोरोना
भगवानों तक ने सैकड़ों सालों तक कैसी-कैसी विपत्तियाँ झेलीं/ कर्मों से युद्ध करते रहे, और उनके भक्त कुछ महीनों के कोरोना से घबराने/डरने लगे !
Recent Comments