Month: September 2020
त्योहार पर मरण
इससे त्यौहार खोटे नहीं हो जाते, यह मिथ्यात्व (झूठी धारणा) है; शादी वाले दिन किसी का मरण होने पर भविष्य में उस तारीख पर शादियाँ
संयम
सत्यनिष्ठा की लौ पर, रख दी सलीके से, संयम की चिमनी; प्रकम्पित न हो ताकि, प्रलोभन की आंधी में । (गुरुवर मुनि श्री क्षमा सागर
गारव
ऋद्धि-गारव में मुनियों वाली ऋद्धियाँ ही नहीं ली जाती, अपितु अन्य शक्तियों का गर्व भी लिया जाता है । साता-गारव में साता का घमंड़ आता
अरहंत / सिद्ध
अरहंत – आम खाना, सयोग सिद्ध – आम का स्वाद, अयोग आम का स्वाद कैसा ? गुड़ जैसा मीठा-मीठा, क्योंकि अभी खाने की क्रिया चल
सूतक
आत्महत्या में 6 माह का सूतक पूरे खानदान को नहीं बल्कि उन घरवालों को ही लगता है जहाँ आत्महत्या हुई है । मुनि श्री प्रमाणसागर
मोक्ष-पुरुषार्थ
यदि पहले तीनों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम) धर्मानुसार हैं तो मोक्ष-पुरुषार्थ तो होगा ही । आचार्य श्री विद्यासागर जी
सल्लेखना/समाधि
सल्लेखना अंत समय आने पर विधिपूर्वक आहार तथा क्रोधादि को कम करते करते शरीर छोड़ना । समाधि व्यवहार में सल्लेखना को कहते हैं, पर समताभाव
तस्वीर / तकदीर
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी, फर्क रंगों का है । मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर, और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर
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