Day: October 27, 2020
श्रमण / श्रावक
October 27, 2020
श्रमण वह आग है, जिनमें ईंधन नहीं होता, उसका ईंधन, श्रावक होता है । मुनि श्री सुधासागर जी
धोख़ा
October 27, 2020
उड़ती हुई धूल को गुलाल मानना तो आसान है, पर आंखों में फेंकी धूल को गुलाल कैसे मानें ? यश-बड़वानी आ.श्री विद्यासागर जी कहते हैं
Recent Comments