Month: February 2021
दिव्यध्वनि
दिव्यध्वनि एक बार में 6 घड़ी तक (2’24”) खिरती है । श्री जयधवला के अनुसार – नित्य 3 बार तथा जीवकांड जी के अनुसार –
कर्म काटना
कर्म काटने का सरलतम उपाय – पापोदय के समय अपने कुकृतों को स्वीकारो/ प्रायश्चित लो/ आगे पुनरावृत्ति न करने का संकल्प लो । देखा भी
प्राण
निश्चय और व्यवहार से केवली भगवान के कितने प्राण होते हैं ? निश्चय से प्राण नहीं बस चेतना होती है । व्यवहार से चार प्राण
पहचान
अपने आप को 3 प्रकार से पहचाना जा सकता है । 1. परछायीं देखकर, पर इसमें नाक/कान आदि नहीं दिखते जैसे परदेश की सीमा पर
स्व-पर
जो “पर” में लीन, वह स्वयं से विलीन हो जाता है । जो “स्वयं” में लीन, उसके कर्म विलीन हो जाते हैं । आचार्य श्री
शब्द
शब्दों की ताकत को कम मत आंकिये… क्योंकि छोटा सा… “हाँ” और छोटा सा “ना”, पूरी जिंदगी बदल देता है। (अनुपम चौधरी)
सम्यग्दृष्टि का भय
निचले गुणस्थानों में सम्यग्दृष्टि को भय तो होगा पर अनंतानुबंधी वाला नहीं । जैसे सांप से डरेगा, पर मारेगा नहीं । आर्यिका विज्ञानमति माताजी
भोग / दुर्गति
भोगों के पीछे का अभिप्राय यदि दूषित है, तो वह दुर्गति में ले जाता है, जैसे पुराने ऋषि(सनातन धर्म के) आश्रमों में पत्नियों के साथ
एक इन्द्रिय
वनस्पति की तरह चारों एक-इन्द्रिय बादर तथा सूक्ष्म भी होते हैं । जैनेन्द्र सिध्दान्त कोष
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