Month: March 2021
मतमतांतर
मतमतांतर भरत/ऐरावत तथा विदेह क्षेत्र में भी होते हैं । पर हुंडा की वज़ह से भरत/ऐरावत में देव, शास्त्र, गुरु भी भिन्न भिन्न हो जाते
विराम
विराम देना,,, पूर्ण विराम देने ।।। से बेहतर – निःसंग बन्धु (ब्र.निलेश भैया) 2) 31 मार्च को Accounts close(पूर्ण-विराम) किये जाते हैं । हमारा पूर्ण-विराम
होली
देव अष्टानिका की अखंड पूजा के बाद 9वें दिन नंदीश्वर-द्वीप की परिक्रमा करके भक्ति में ऐसे घुल-मिल जाते हैं कि भक्ति के रंग बाहर दिखने
मेरा / मेरे लिये !
ज़िंदगी ने कुछ लेकर, तो कुछ देकर; मुझे जीना सिखाया है…. सब तेरा नहीं है और सब तेरे लिए नहीं है । ये सबक सिखाया
ऋषि-मंडल विधान
ऋषि-मंडल विधान में ऋषियों की पूजा तो ठीक है पर इसमें मिथ्यात्व बहुत है । मुनि श्री सुधासागर जी
कमीं
आसमां में मत ढूंढ अपने सपनों को, सपनों के लिए ज़मीं भी ज़रूरी है ! सब कुछ मिल जाए तो जीने का मज़ा ही क्या
एकांत-मिथ्यात्व
पांचों मिथ्यात्व में सबसे घातक एकांत-मिथ्यात्व है, क्योंकि इसमें कषाय की अधिकता रहती है । मुनि श्री सुधासागर जी
णमोकार/अरहंत
णमोकार मंत्र उपकारी मंत्र है (इसे सिद्ध नहीं किया जाता है) । इसलिये पहले अरहंत को लिया, जिन्होंने हम सबके ऊपर परम-उपकार किया है ।
शुकराना
रोटी खाने से अधिक समय रोटी बनाने में लगता है, रोटी बनाने से अधिक समय रोटी कमाने में लगता है और रोटी कमाने से अधिक
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