Month: March 2021

मुखर मौन

भगवान/सच्चे गुरु बोलना नहीं चाहते हैं, भक्तों के पुण्य बुलवा लेते हैं । 2) बड़े बच्चों से कहते हैं – शोर मत करो, मैं सो

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धर्म

धर्म…. पाप काटने के लिये नहीं, पाप से बचने के लिये करना चाहिए ।

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स्वाध्याय

स्वाध्याय को परम-तप कहा, तो सिर्फ स्वाध्याय करते रहने में क्या हानि ? यदि प्रश्नपत्र में पहला प्रश्न अनिवार्य हो, तो क्या 3 घंटे उसी

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आचरण

दर्पण साबुत होता है तब सब उसे देख-देख कर चलते हैं, टूट जाता है तो उससे ही बच-बच कर चलते हैं । दर्पण यदि आचरण

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सम्यक्/मिथ्या दृष्टि

भव-सागर में अनंत से बहते-बहते जिसकी दृष्टि “छोर” पर हो जाती है, वह सम्यग्दृष्टि । जिसकी “और-और” पर, वह मिथ्यादृष्टि । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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अधूरा ज्ञान

थोड़ी वर्षा कीचड़ करती है, पूरी वर्षा सफ़़ाई । मुनि श्री अविचलसागर जी

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व्यवहार/निश्चय

घड़े में घी, इसमें घड़ा व्यवहार और निश्चय घी । बिना घड़े के घी रह नहीं पायेगा हालांकि सुगंध/ताकत/मूल्य घी का । मुनि श्री सुधासागर

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आलोचकों को जबाव

एकमात्र पक्षी जो बाज को चोंच मारने की हिम्मत करता है, वह है रेवेन… यह बाज की पीठ पर बैठता है और उसकी गर्दन पर

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ध्यान

ध्यान के लिये – 1. शुभ Object का ज्ञान 2. आत्मा पर श्रद्धान 3. प्रत्याहार – अन्य विषयों पर से ध्यान हटाना 4. धारणा –

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गुरु-लाभ

4 Steps से पूर्ण गुरु-लाभ लिया जा सकता है  – 1. Near 2. Hear 3. Tear 4. Fear (आदर) मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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मंगल आशीष

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March 6, 2021