Month: April 2021

सुख और उम्र

मुझे कहाँ मालूम था कि … सुख और उम्र की आपस में बनती नहीं… कड़ी मेहनत के बाद सुख को घर ले आया.. तो उम्र

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धर्म/गुरु/देव

सच्ची परिभाषायें – धर्म – जो दया से विशुद्ध (क्योंकि धर्म तो सब जीवों को सुख देने वाला होता है) गुरु – सर्व परिग्रह त्यागी

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रोक

किसी को रोकने के 2 प्रकार – 1. समझाने से 2. मिट* जाने से मुनि श्री सुधासागर जी * या तो ख़ुद के मिटने के

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आकिंचन्य

व्यवहार आकिंचन्य – अपने पास किंचित रखना (ताकि जीवन चल सके ) निश्चय आकिंचन्य – किंचित भी मेरा नहीं है । चिंतन

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चारित्र

ज्ञान के ऊपर से मोह का पर्दा हटाने को चारित्र कहते हैं । इसलिये चारित्र का पालन घर में रहकर नहीं हो सकता, हाँ !

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कर्मोदय

कर्मोदय… बिल से निकला हुआ सांप है; छेड़ा, तो डसा ! शरीर पर से निकल रहा हो, तो भी शांति से निकलने देना, वरना लेने

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संसार / भगवान

जो दौड़-दौड़ कर भी नहीं मिलता, वह संसार है; जो बिना दौड़े मिलता है, वह भगवान है । (सुरेश)

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मंगल आशीष

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April 30, 2021