Month: April 2021
स्त्री / मोक्ष
श्वेताम्बर मंदिरों में भी मल्लिकुमार को स्त्री रूप में नहीं दिखाया है । वे भी मानते हैं कि सम्यग्दृष्टि अगले भव में स्त्री पर्याय में
वेषभूषा
जब एक केस की फ़रियाद के लिये वकीलों को (गर्मियों में भी) काली Uniform पहननी होती है तो असंख्यात गुनाहों की फ़रियाद के लिये (भगवान
विग्रहगति
विग्रहगति में पर्याप्तक तथा अपर्याप्तक नामकर्म वाले जीवों के इन कर्मों का उदय नहीं होता है । जन्मस्थान पर पहुँच कर यथायोग्य नामकर्म का उदय
रिश्ते
रिश्तों को बनाना/निभाना सीमेंट से सीखें – पहले नरम, बाद में सख्त । शुरु-शुरु में पानी से नम करते रहना होता है । यश-बड़वानी
मिथ्यादर्शन
वर्तमान सम्बंधों (चेतन तथा अचेतन के साथ) को निभाना मिथ्यादर्शन नहीं, उनके साथ त्रैकालिक सम्बंध मानना मिथ्यादर्शन है । मुनि श्री सुधासागर जी
उत्साह
उत्साह का जीवन में वही Role है जो किसी भी गाड़ी के पहियों में हवा का । गाड़ी का इंजन चाहे कितना ही शक्तिशाली क्यों
माया
वैदिक मत में संसार माया है यानि माया बाहर में है, जैन मत में माया हमारे अंदर है । इसलिये कहा जाता है कि संसार
शुद्ध / विशुद्ध
शुद्ध शब्द का प्रयोग चीजों के लिये जैसे कपड़े, शरीर, भोजन । विशुद्ध चीजों का प्रयोग भावों के लिये । मुनि श्री सुधासागर जी
मिथ्यात्व
मिथ्यात्व का आशय “झूठा” नहीं, बल्कि विपरीत अभिनिवेश है । मुनि श्री सुधासागर जी
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