Day: July 9, 2022

षटगुणी हानि/ वृद्धि

समझ में आना कठिन है। जिनवाणी/आगम पर विश्वास करके बस इतना समझें – लगातार…अनंत/असंख्यात/संख्यात हानि/वृद्धि, व्यय/उत्पाद। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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मिटाना

मिट जाते हैं, मिटाने वाले; लाश कहाँ रोती है ! रोते हैं जलाने वाले । (N.S.Jain)

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मंगल आशीष

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July 9, 2022