Day: July 20, 2022

अधर्म-द्रव्य

आचार्य अकलंकदेव – अधर्म-द्रव्य, लोक के आकार तथा स्थिति को बनाये रखने में निमित्त है। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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कर्मोदय / पुरुषार्थ

कर्मोदय सताता/भटकाता नहीं कुछ समय के लिये अटका सकता है। कर्मोदय में पुरुषार्थ की कमी/रागद्वेष करने से भटकन/दु:ख होता है। मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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मंगल आशीष

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July 20, 2022