Day: September 3, 2022

पुरुषार्थ / कर्मोदय

अनादि से रागद्वेष करते रहने से कर्मों में इतनी क्षमता आ गयी है कि आप रागद्वेष ना करना भी चाहें तो भी (तीव्र) कर्मोदय में

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उत्तम शौच (लोभ न करना)

अपन आनन्द लें उस चीज़ का जो अपने को प्राप्त है। जो अपने पास है वह नहीं दिखता, जो दूसरों के पास है हमें वह

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मंगल आशीष

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September 3, 2022

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