Day: October 24, 2022

सुख

परमयोगियों के रागादि से रहित होने के कारण, उनका सुख आत्मिक सुख/ स्वसंवेदन माना जाता है। वे सिद्धों की अपेक्षा से तो समानता नहीं रखते

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दृष्टिकोण

सागर से कहा — देखो ! ये सूरज कितना दुष्ट है, तुमको जलाकर तुम्हारा पानी हड़प लेता है। सागर — नहीं वह मुझ पर और

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मंगल आशीष

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October 24, 2022

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