Month: October 2022

संयम

सुविधायें कम करना संयम है; बढ़ाना/ बढ़ाने का भाव असंयम। मुनि श्री मंगलानंद सागर जी

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सीख

पिता ने हलुवा बनाकर 2 कटोरियों में से, बेटे से 1 कटोरी उठाने को बोला, 1 कटोरी के हलवे पर 2 बादाम थे, दूसरी कटोरी

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मूलगुण / परिषह-जय

मूलगुण में अस्नान, परिषह-जय में शरीर पर से मैल (वैयावृत्ति से) हटाने नहीं देना। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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विजयादशमी

जीवन में अच्छे से अच्छे तथा बुरे से बुरे लोगों के सम्पर्क में रहना पड़ता है। उनसे क्या सीख लें ? रावण जैसे बुरे से

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दृष्टि

आपने भगवान की ओर दृष्टि तो की, पर भगवान की दृष्टि जिधर है, उधर नहीं! भगवान की नासा-दृष्टि, आपकी आशा-दृष्टि। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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पाँच उँगलियाँ

उँगलियाँ अलग-अलग Size, मोटाई, strength की क्यों ? सबसे छोटी उँगली कान की सफाई के लिये पतली, कम लंम्बी ताकि पर्दे को नुकसान न पहुँचे।

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उपवास

रात्रि भोजन त्यागी पिछले दिन शाम को उपवास का संकल्प ले तो निर्जरा ज्यादा होगी। उपवास की सुबह संकल्प लेना चलेगा पर निर्जरा कम होगी।

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ज़िंदगी

ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं, और क्या ज़ुर्म है पता ही नहीं। इतने हिस्सों में बंट गया हूँ मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा

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विपाकी

1. जीव विपाकी = जीव को फलानुभूति जैसे ज्ञानावरण/दर्शनावरण 2. पुद्गल विपाकी = शरीर को फलानुभूति जैसे नामकर्म आदि 3. क्षेत्र विपाकी = एक क्षेत्र

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खटास

पानी दूध से अच्छे से संबंध निभाता है – पानी का मूल्य दूध के बराबर हो जाता है, दूध को जब ज़रूरत से ज्यादा उबाला

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मंगल आशीष

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