Day: November 21, 2022
कर्म-बंध
November 21, 2022
श्री समयसार जी के अनुसार “प्रज्ञापराध” (उपयोग + अपराध) से ही (पाप) कर्म बंध होते हैं। जैसे हीरा देखा, हड़पने के भाव आये,
नकल में अकल
November 21, 2022
राजा के दरवाजे से एक भिखारी पीठ रगड़ रहा था। राजा को दया आयी कि इसका कोई साथी भी नहीं है, धन दिया। अगले दिन
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