Month: January 2023
सुभग / शुभ / यश
नामकर्म…. सुभग (जिसे देखते ही वात्सल्य उत्पन्न हो) जीव विपाकी। शुभ(सुन्दर शरीर) पुद्गल विपाकी। यश (जिस कर्म के उदय से पवित्र गुणों की ख्याति होती
टूटने पर……
जापान में कांच के कीमती बर्तन टूटने पर उसे सोने से जोड़ लेते हैं (Kintsugi Art द्वारा )तब बर्तन और सुंदर दिखने लगता है/ उसकी
रत्नत्रय
ज्ञान को बीच की ऊंगली, श्रद्धा तर्जनी, चारित्र अनामिका से दर्शाया जाता है। श्रद्धा तथा चारित्र के बिना ज्ञान उपयोगी नहीं। गुरुवर मुनि श्री क्षमा
आनंद
पूर्ण आनंद साधु को ही जैसे बुखार उतरने पर आता है। गृहस्थ का आनंद तो वैसा है जैसे मरीज का बुखार 105 डिग्री से 101
हास्य
हास्य में चारों categories → 1. हास्य में अनंतानुबंधी – किसी की ऐसी हंसी उडाना जिसमें उसे बहुत कष्ट हो रहा हो। 2. हास्य में
आदर
थोड़े से आदर से स्पर्श तो करके देखिये, इंसान का ह्रदय भी टच स्क्रीन से कम नहीं.. (अरविंद बड़जात्या)
क्षायिक/क्षयोपशमिक सम्यग्दर्शन
क्षयोपशमिक सम्यग्दर्शन दूध से बना मक्खन है – सदोष/ अस्थाई। क्षायिक सम्यग्दर्शन घी है, एक बार तपा लिया तो स्थाई हो गया। (डॉ.एस.एम.जैन)
सम्पर्क
एक दिन 3 दु:खद समाचार आये – 1. करीबी रिश्तेदार 2. वफ़ादार ड्राइवर 3. ड़ेढ़ माह से घर में पल रहा चिड़िया का बच्चा, नहीं
मोहनीय
चारित्र और दर्शन मोहनीय आपस में (साता/ असाता की तरह) संक्रमित तो नहीं होते। पर एक दूसरे को प्रभावित ज़रूर करते हैं। मुनि श्री सुधासागर
निडरता
निडरता, ज्ञान (सांप नहीं है, रस्सी है) तथा श्रद्धा से (देव, गुरु, शास्त्र व कर्म सिद्धांत पर)। भविष्य के लिये – “जो हो, सो हो”
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