Day: March 21, 2023

कर्म-भार

कावड़िया(जीव), कावड़ी(शरीर) के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थानों(पर्यायों) में बोझा(कर्म-भार) ढोता रहता है। नये स्थान पर जा दूसरी कावड़ी बना, फिर नया बोझा

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रूप / स्वरूप

विनोबाभावे जी के घर एक अनाथ बच्चा रहता था। विनोबा जी की माँ उस बच्चे को गरम और अपने बेटे को ठंडी रोटी देतीं थीं।

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मंगल आशीष

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March 21, 2023