Month: March 2023

धर्मध्यान / शुद्धता

पहले दो शुक्लध्यानों से शरीर इतना शुद्ध हो जाता है कि धातुऐं तो रहती हैं परन्तु निगोदिया जीव नहीं रहते। धर्मध्यान से भी शरीर इतना

Read More »

सुखी / दु:खी

आत्मा का स्वभाव सुखी रहना है, तब प्रायः दु:खी क्यों ? क्योंकि प्रायः हम सब दूसरी आत्माओं को अपने नियंत्रण में करने की कोशिश में

Read More »

दुःख दूर करने का उपाय

यदि शुभ भाव रखेंगे/ अपने आपको खुश अनुभव करेंगे तो दु:ख प्रवेश कैसे करेगा ! बाकी उपायों से दु:ख दूर नहीं होता, उन पर मरहम

Read More »

दृष्टि

जिसकी दृष्टि दिव्य-रत्नों पर हो उसे साधारण रत्नों को छोड़ने में देरी नहीं लगती। फिर उनकी पूजा रत्नों से होने लगती है। आचार्य श्री विद्यासागर

Read More »

आलोचना

आलोचना को गम्भीरता से लें लेकिन व्यक्तिगत नहीं। मुनि श्री अविचलसागर जी

Read More »

गति

गति = जीव की अवस्था विशेष। 4 गति – संसारी/कर्मों के सदभाव में, 5वीं मोक्ष/कर्मों के अभाव। कमलाबाई जी

Read More »

प्रगति

ऊपर उठने/ ऊँचे आकाश में स्थापित होने के लिये राकेट को नीचे के भागों को छोड़ना पड़ता है। लोगों की तथा अपनी नज़र में उठने

Read More »

क्षुद्र भव

क्षुद्र भव = लब्धि-अपर्याप्तक (1 श्वास में 18 बार जन्म मरण)। लगातार उत्कृष्ट जन्म – 2 इंद्रिय में – 80, 3 इंद्रिय में – 60,

Read More »

Old Age/Senior Citizen 

Old Age  Senior Citizen  1 Support, लेते हैं Support देते हैं, युवाओं को 2 छुपाने का मन उजागर करने का 3 अहंकारी अनुभवी, विनम्र, संयमी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

March 6, 2023