Month: April 2023

संज्ञा

आहार संज्ञा → 6ठे गुणस्थान तक लेकिन इस गुणस्थान में हर समय आहार की इच्छा नहीं। भय संज्ञा → 8वें गुणस्थान तक पर 7वें गुणस्थान

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समस्या / व्यवस्था

समस्या तात्कालिक है, व्यवस्था त्रैकालिक, समस्या व्यवस्था है, कर्मों की। यदि समस्या को व्यवस्था मान लिया (कर्मों की) तो समस्या समाप्त, लेकिन यदि समस्या को

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देश / उपदेश

देश के अनुरूप ही उपदेश देने चाहिये। वे‌ कारगर तभी होंगे। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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जीव / अजीव

अजीवों* के साथ रह-रहकर हम अजीव* जैसे हो गये हैं/ परिणमन अजीव** होने लगा है। * Nonliving ** Unexpected

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गुण / अवगुण

यदि बगीचे में गंदगी के ढेर ज्यादा हों तो वे खुशबूदार पौधों को पनपने नहीं देंगे और यदि 2-4 पनप भी गये तो उनकी खुशबू

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मन:पर्यय

उपशम सम्यग्दर्शन के साथ मन:पर्यय नहीं होता है। मुनि श्री सुधासागर जी

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प्रकृति / परिस्थिति

परिस्थितिवश सैनिक राष्ट्र रक्षा में हिंसा, प्रकृतिवश डाकू (स्वभाववश)। परिस्थिति – गाय को बचाने झूठ बोलना। प्रकृति – गाय को बचाना। मुनि श्री सुधासागर जी

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अरहंत / मन

संसारी के वचन, मन पूर्वक ही। ऐसा मन सयोगी के नहीं, उनके मन उपचार से कहा क्योंकि वचन की प्रवृत्ति हो रही है। उपचार →

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भ्रम

आज चिड़िया का बच्चा खिड़की के कांच में अपनी छवि देख-देख कर चौंच मार रहा था। बार-बार भगाने पर भी नहीं भाग रहा था। उसके

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मंगल आशीष

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April 30, 2023