Day: April 6, 2023

योग

योग भीतरी वस्तु है पर होता है बाह्य निमित्तों से। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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Ego

Ego से झंडा-डंडा, शास्त्र-शस्त्र, बांसुरी-बांस, निर्जरा (कर्म काटना/समाप्त होना) से निकाचित/निद्यत्ति (कर्मों की तीव्र/घातक प्रकृतियाँ) कर्म बन जाते हैं। निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी

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मंगल आशीष

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April 6, 2023