Month: April 2023
पूर्ण ज्ञान
केवलज्ञानी किसी भी द्रव्य की पहली और अंतिम पर्याय को नहीं जानते तो इसे पूर्णज्ञान कैसे कहा ? चूड़ी में आरम्भ/अंत न मालुम होते हुए
गुरु / शिष्य
गुरु शिष्य से → मैं आपका हूँ, आपके कहने से, मूर्छा मुक्त हूँ। (शिष्य गुरु को अपना मानता है सो गुरु शिष्य के कहने से
अनुभय / उभय
कार्य जिस रूप तो कारण भी उसी रूप। श्रोता में अनुभय तो भगवान (अरहंत) में भी घटित होगा। उभय में चूंकि असत्य भी है इसलिये
पति/पत्नि और धर्म
पति को वैदिक परम्परा में ‘पति-परमेश्वर’ कहते हैं। पर वह ‘परमेश्वर’ कैसे ? पत्नि जीवन काल में पति को धर्म में लगाये रखती है, उनके
निगोद-बंध
कषाय की तीव्रता से या त्रस-काल पूर्ण करने से निगोद-बंध तथा निकलते हैं कषाय की मंदता से। पाप की तीव्रता से नरक !
विश्वास
ताकतवर से प्राय: कहते हैं – “एक दिन मेरा भी आयेगा” यही बात विश्वास के साथ कभी भगवान से कह कर देखो, एक दिन ख़ुद
वैराग्य
बहुत से तीर्थंकरों को वैराग्य जन्म की तिथियों को क्यों हुआ ? महान पुरुषों को वैराग्य खुशी में होता है। मुनि श्री सुधासागर जी
तैजस/कार्मण शरीर
तैजस शरीर के उत्कृष्ट संचय 66 सागर (7वें नरक से निकलकर तिर्यंच फिर 7वें नरक), संक्लेश के सदभाव में। कार्मण शरीर के उत्कृष्ट संचय का
Happiness
Shakespeare – I always feel happy because I don’t expect anything from anyone. Before you Speak, Listen. Before you Write, Think. Before you Spend, Earn.
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