Day: May 31, 2023

स्वभाव

संसार में अलग-अलग स्वभाव की वस्तुएँ हैं। वे स्वभाव नहीं छोड़तीं। हाँ, निमित्त पाकर कुछ समय के लिये विभाव रूप परिणमन कर लेती हैं, जैसे

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सार्वजनिकता

आचार्य श्री विद्यासागर जी कहते हैं… “जो काम पत्र से हो जाय उसके लिये पत्रिका का सहारा क्यों ?” मुनि श्री संधानसागर जी

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मंगल आशीष

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May 31, 2023