Month: June 2023

सम्यग्दर्शन का कारण

सम्यग्दर्शन के कारणों में एक कारण मिथ्यात्व भी हो सकता है, यदि उसे संसार का कारण मानें तो। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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बढ़ती उम्र

बढ़ती उम्र में दृष्टि कमजोर होने लगती है, लेकिन बहुत कुछ स्पष्ट दिखने लगता है। (अरुणा)

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संवेदनशीलता

क्षायिक सम्यग्दृष्टि वज्र जैसा कठोर होता है पर उसमें से भी पानी निकलने लगता है। जैसे भरत चक्रवर्ती आदिनाथ भगवान के मोक्ष जाने पर रो

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भाव / ज्ञान

भाव में बहाव है, ध्यान में ठहराव है। ठहराव आयेगा ज्ञान से। मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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अभिनिबोध

“अभिनिबोध” मतिज्ञान का पर्यायवाची है। इसका प्रयोग सम्यग्दर्शन के साथ ही होता है। अभि = अभि (मुख) नि = नियत (विषय अपनी अपनी इंद्रियों का)

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अच्छा

यदि आपको कोई अच्छा लग रहा है तो मानकर चलिये कि वह अच्छा हो भी सकता है अथवा ना भी हो, पर आप अच्छे अवश्य

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व्यंजन

व्यंजन के 2 अर्थ हैं – 1. अव्यक्त… व्यंजनावग्रह में आता है। 2. व्यक्त…. व्यंजन पर्याय में आता है। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड-गाथा- 306/307)

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पाप पुण्य और अगला जीवन

इस जीवन में किसी ने लगातार पाप किये पर मरते समय/ अगले जीवन के निर्णय का समय आने पर भाव बहुत अच्छे हो गये/पश्चातापादि कर

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सल्लेखना

मुनि श्री वैराग्यसागर जी सन् 1984 में आहार जी में 4 माह से सल्लेखना करते हुये जल पर आ गये थे। अगले दिन जल लेते

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पुण्य/पाप क्रियायें

सिगरेट पीते समय भगवान का नाम लेने से, सिगरेट छूटने की संभावना रहेगी। भगवान का नाम लेते समय सिगरेट पीने से भगवान के नाम छूटने

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मंगल आशीष

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June 15, 2023