Month: June 2023
सल्लेखना
सल्लेखना करने वाले के साथ अधिक से अधिक ४८ मुनि रहते हैं। इनके कार्य हैं – 4 – सहारा देने के लिये, 4 – धर्मोपदेश
निजप्रकाश
“निजप्रकाश” क्या किसी प्रकाशन में कभी दिखा ? पर ढूंढते हैं – मंदिर, माला, ग्रंथों में। जहाँ देखन हारा है/ जानन हारा है, वहाँ नहीं
प्रभाव
अनंतशक्ति वाले हमारे screw tight नहीं कर पा रहे जबकि छोटा सा मैकेनिक tight कर लेता है, ऐसा क्यों ? निमित्त नैमित्तिक सम्बन्धों को जानकर
ताड़ना
प्रशासक को ताड़ना देनी पड़ती है पर उतनी, जितनी किसान अपने बैल को देता है। शाम होने पर बैल अपने आप किसान के घर आ
सच्चा
सिर्फ 3 के आगे “सच्चा” शब्द लगता है – सच्चे देव, शास्त्र, गुरु। यानि इन तीन के अलावा बाकि सब झूठे/ भ्रम ! चिंतन
दूरदर्शिता
इस भव की/ Short Term चिंता करने वाला पैसे के पीछे भागता है, भविष्य के भवों/ Long Term की चिंता करने वाला पैसे से दूर
आयुबंध
शैल समान क्रोध में भी आयुबंध हो सकती है, बस इसके उत्कृष्ट में आयुबंध नहीं होगी। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
अंतरंग
दाहसंस्कार के समय सिर को फोड़ा जाता है ताकि अंदर से भी पूरी तरह राख बन जाय, अधूरी रह गयी तो कितनी वीभत्स दिखेगी। जिंदा
अलौकिक ज्ञान
जो ज्ञान सामान्य लोगों को नहीं दिया जाता/ वह ज्ञान जो लौकिकता से ऊपर उठा हुआ जैसे जीवकांड का ज्ञान। पर उसे पारलौकिक (Other Worldly)
आ अब लौट चलें
सूरज नित्य लौटता है इसलिये नित्य पूर्ण तेजस्विता/ सुंदरता से फिर-फिर आता है। अभिमन्यु लौटना नहीं जानता था/ लौट नहीं पाया, सो अंत को प्राप्त
Recent Comments