Month: July 2023

नौकरी

आदिनाथ भगवान ने आजीविका के लिये असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प ये 6 तरीके बताये हैं, पर नौकरी नहीं बताई। दास-दासी को परिग्रह

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भीरुता और धर्म

धर्म-भीरू कहना सही नहीं है, धर्म से डरा नहीं जाता। संसार-भीरू धर्म करते हैं, यह सही है। मुनि श्री सुधासागर जी

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श्रुतकेवली / उपाध्याय

श्रुतकेवली आत्मा का गुण है, पद नहीं। उपाध्याय पद है जिसे आचार्य या संघ देते हैं, पर चौथे काल में भी उदाहरण नहीं मिलता है।

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दान / अहिंसा

एक चींटी बचाने का पुण्य सोने के पहाड़ को दान देने से भी ज्यादा होता है। आर्यिका श्री विज्ञानमती माता जी

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मूर्ति

पाषाण की मूर्ति वास्तव में दिगम्बरत्व का असली प्रतीक है, इसमें अवांछनीय पदार्थ (छाँट-छाँटकर) निकाल दिया जाता है। जबकि धातु की मूर्ति में संग्रह होता

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कर्म / धर्म

कर्म और धर्म कभी विपरीत नहीं होते। जैसे किये जाते हैं वैसे ही फलित होते हैं। मुनि श्री अजितसागर जी (इनके एक से स्वभाव हैं,

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द्रव्य लेश्या

वर्ण-नामकर्म के उदय से शरीर का वर्ण होता है। इसे लेश्या इसलिए कहा क्योंकि यह शरीर का रंग बनाती है और रंग से गोरे/ काले

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अंतर्दृष्टि

आँखें आँखों से ना मिलें, तो भीतरी आँखें खुलती हैं। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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क्षयोपशम

क्षयोपशम चारों घातिया कर्मों में ही होता है, अघातिया में नहीं। मुनि श्री सुधासागर जी

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दया

“दया”का उल्टा “याद” किसकी याद ? स्वयं की। आचार्य श्री विद्यासागर जी दया शुरु करनी चाहिये स्वयं/ अपने घर से। मुनि श्री अजितसागर जी

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मंगल आशीष

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July 26, 2023