Month: July 2023

काल का प्रभाव

चौथे काल के भावलिंगी मुनियों की कर्म निर्जरा, पंचम काल के मुनियों से कम होती है क्योंकि उन्हें तो भगवान बनने की संभावना थी, वे

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सवाल

सवाल/ संवाद खुद से करोगे तो जवाब मिलेगा, दूसरों से करोगे तो सवाल पर सवाल/ बवाल। मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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दौलत

दौलत ऐसी तितली है जिसे पकड़ते-पकड़ते हम अपनों/ भगवान से दूर निकल जाते हैं। (सुरेश)

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समवसरण

समवसरण के सभामंडप में सम्यग्दृष्टि या निकट सम्यग्दृष्टि ही जाते हैं, इन्हें भगवान के दर्शन से सम्यग्दर्शन हो जाता है। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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कर्मोदय

कर्मोदय ऐसा ही है जैसे बांबी से बाहर आया हुआ साँप। यदि आप उसे सहजता से देखते रहे उसमें Involve नहीं हुये तो वह सहजता

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षटस्थान हानि

कृष्ण आदि लेश्या में षटस्थान हानि – 1. अनंतभाग हानि 2. असंख्यात भाग हानि 3. संख्यात भाग हानि और और बडी हानि – 4. संख्यात

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बच्चे / शिष्य

प्राय: बच्चे/ शिष्य उद्दंड होते हैं, उनको डंडे की जरूरत होती है, पर डंडा गन्ने का होना चाहिये। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मंगल आशीष

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July 6, 2023