Month: September 2023
उत्तम मार्दव धर्म
निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी ने लिखा है कि बड़े/ पुराने मुनि अपने से छोटे मुनियों को नमोस्तु करने पर आशीर्वाद नहीं, प्रतिनमोस्तु करते
उत्तम मार्दव धर्म
यदि आपकी मौजूदगी दूसरों को असहज करती है तो उसका कारण है…मान। अभिमान…अभी + मान। एक तो मेरी मानो यानी अपनी Identity को खत्म करके,
पर्युषण ….उत्तम क्षमा धर्म
पर्व… 1) ये काल अधिकतम जीवों का उत्पत्ति स्थान। वर्तमान वातावरण(समशीतोष्ण) में उत्पत्ति अधिकतम होती है। 2) पर्युषण-पर्व में चार कषायों के गाँठों को ढ़ीला
पर्युषण…उत्तम क्षमा धर्म
क्षमा दो प्रकार से …. 1) नया क्रोध नहीं करना। 2) पुराने बैरों को समाप्त करके। कैसे ? पूर्व समय/ जन्म में किये गए अपने
पर्याय / परिणमन
परिणति का नाम पर्याय है। शुद्ध द्रव्य शुद्ध रूप में उत्पात, व्यय, धौव्य रूप परिणमन करते हैं। इसलिये उन पर्यायों को अर्थ पर्याय कहते हैं।
गुरु
जिसके सामने सब कुछ कह सकते हो, पर गुरु के कहने के बाद कुछ भी नहीं कह सकते। जैसे वकील जज के सामने कुछ भी
पुण्य
पुण्य प्रशंसनीय नहीं, लेकिन प्रारम्भिक अवस्था (गृहस्थ) में हर हेय का त्याग नहीं जैसे ज़हर से बनी दवा। हाँ ! पुण्य की इच्छा नहीं करना
पुलिस
पुलिस स्त्रीलिंग है सो उन्हें माँ जैसा व्यवहार करना चाहिये, जो बच्चों को गलती पर मारती भी है और सुधारने के लिये प्रेम भी करती
प्रत्याख्यान पूर्व
प्रत्याख्यान पूर्व(9वाँ पूर्व) = त्याग (सावद्य का, आगामी समय के लिये)। इसी पूर्व को तीर्थंकर के पादमूल में 8 वर्ष तक पढ़ कर परिहार-विशुद्धि होती
स्वार्थ
हे स्वार्थ ! तेरा शुक्रिया। एक तू ही है, जिसने लोगों को आपस में जोड़ रखा है। (सुरेश)
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