Month: October 2023

क्षेत्र / स्पर्शन

क्षेत्र = वर्तमान में जीव के गमन की सीमा। स्पर्शन = अतीत में जीव के गमन की सीमा। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड- गाथा 471)

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क्रोधादि

बीमार को देखकर/ सम्पर्क में आने पर बीमार होना पसंद नहीं करते हो। तो क्रोधी आदि के सम्पर्क में आने पर क्रोध आदि क्यों ?

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नौ संख्या

मुनिराजों के गुणस्थान 9 होते हैं (6 से 14)। 9 संख्या की पवित्रता/ महत्व का यह भी कारण हुआ। चिंतन

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छेदोपस्थापना

छेदोपस्थापना अनेक प्रकार का। छेदोपस्थापना = पुरानी पर्याय (सामायिक चारित्ररूप) का छेदन करके आत्मा को एक यमरूप (अहिंसा)/ 5 यमरूप ( 5 व्रतरूप = अहिंसा

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भय

छूटने की कल्पना से ही भय होता है, वैभव/ शरीर/ प्रियजनों के छूटने का भय। यदि इन सबको नश्वर मान लो और आत्मा को अनश्वर

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नियम / क्षयोपशम

अभक्ष्य न खाना/ रात्रि भोजन त्याग, चारित्र मोहनीय के क्षयोपशम से नहीं, बल्कि इनके करने से चारित्र मोहनीय का क्षयोपशम होगा। निर्यापक मुनि श्री सुधासागर

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आदत

अच्छी आदत की एक बुरी आदत भी है…. देर से आदत पड़ती है और छूटने की जल्दी मचाती है। चिंतन

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सतर्कता

स्वाध्याय कराते समय बीच-बीच में प्रश्न इसलिये करते हैं ताकि हर व्यक्ति, हर समय सतर्क रहें। जैसे आयुबंध के लिये हर समय सतर्क रहना जरूरी

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राजनीति

राजनीति अच्छी या बुरी ? राजनीति राजा की नीति, राजा अच्छा तो नीति अच्छी, राजा बुरा नीति बुरी। निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

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मंगल आशीष

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