Month: May 2024

व्रत

2 प्रकार के –> प्रकीर्णक – एक व्रत भी ले सकते हैं। समूह (Set) – 5 अणुव्रत, 7 शीलव्रत। दोनों के लेने पर गुणस्थान परिवर्तन

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अभिमान

“मैं हूँ” ऐसा सोचने/ मानने में हानि नहीं। “मैं कुछ हूँ” अभिमान दर्शाता है। मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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संयम मार्गणा

पहले व्रत-धारण; उन्हें संभालने के लिए समितियां। फिर भी कषाय आयेंगी ही; उनके परिहार के लिये दंड-विरति* तथा इंद्रियजय**। व्रत-धारण, जैसे गर्भ-धारण। समिति-पालन, जैसे बच्चे

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सबक

किसी को सबक सिखाने की ज़िद न करो, कोई नहीं सीखता, क्योंकि सबक सिखाये नहीं जाते,सीखे जाते हैं! (सुरेश जैन- इंदौर)

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मुनियों की शक्ति

700 मुनियों पर अंतराय के समय विष्णुकुमार मुनि जी ने विक्रिया से कदम सुमेरू और मानुषोत्तर पर्वत पर क्यों रखे, बाली का राज्य तो अयोध्या

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क्षमता

क्षमता कैसे बढ़ायें ? (युवा ने आचार्य श्री विद्यासागर जी से पूछा। उस सभा में गृहस्थ, ब्रम्हचारी तथा मुनिगण भी थे)। सो आचार्य श्री का

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चार इंद्रिय

चतुरिंद्रिय जीव‌ भी उड़ लेते हैं और पंचेंद्रिय भी। फिर फ़र्क क्या ? चतुरिंद्रिय जीव कम ऊँचाई तक उड़ पाते हैं, जैसे मक्खी आदि; पंचेंद्रिय

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Silence

“Don’t talk unless you can improve the silence.” ( J. L. Jain ) Jorge Luis Borges

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आहारक/अनाहारक काल

आहारक काल –-> जघन्य = क्षुद्र जीव का काल(-)3 समय (विग्रह गति का)। अनाहारक काल –-> जघन्य = 1 समय उत्कृष्ट = 3 समय मुनि

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भेड़ चाल

कुछ लोग जिधर की हवा, उधर ही चल पड़ते हैं ! हालांकि… ये काम कचरे का है। (सुरेश)

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मंगल आशीष

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May 21, 2024