Month: May 2024

आयुबंध

आयुबंध सातवें गुणस्थान में नहीं होता। लेकिन आयुबंध यदि निचले गुणस्थान में शुरू हो गया हो और इसी बीच सातवाँ गुणस्थान प्राप्त हो जाय, तो

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मौन

बाह्य मौन —-> मौन रखना; अंतरंग मौन –> मौन रहना (बोलने के भाव ही न आना)। मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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योग

जीव… काययोग से शरीरगत वर्गणाओं को, वचनयोग से वचनगत वर्गणाओं को, मनोयोग से मनोगत वर्गणाओं को ग्रहण करता रहता है। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकांड:

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साधन / रोग

साधनों के अतिभोगी न बनो, जरा योगी भी बनो, ताकि रोगी बनने से छुटकारा मिल सके !

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रुचि

धर्म में रुचि –> सम्यग्दर्शन –> सम्यक्चारित्र –> निर्जरा। पर धर्म पर विश्वास कैसे हो ? जैसे High Tension का बोर्ड देखते ही सावधानी बरतना

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Poor / Wealthy

“The poor spend most of their money, the middle-class save most of their money, & the wealthy invest most of their money; hence, they are

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सक्रिय सम्यग्दर्शन

सिर्फ श्रद्धा नहीं, उसका अमल भी। ऐसा करने से सम्यग्दर्शन दोष रहित हो जाता है। इसे ही सम्यक्त्वाचरण भी कहते हैं। निर्यापक मुनि श्री सुधासागर

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Happiness

गिलास आधा भरा है या खाली, इस विवाद में क्यों पड़ें ! आधा भरने का पुरुषार्थ क्यों न करें !! इसे कहते हैं → Adding

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केवलज्ञान

केवलज्ञान सम्पूर्ण => ज्ञान के सारे शक्ति-अंश व्यक्त हो गये। केवलज्ञान समग्र => मोहनीय और वीर्यान्तराय कर्मों के क्षय से समग्र ज्ञान प्रकट हो जाता

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भेद विज्ञान

चावल में से कंकड़ न निकालना अज्ञान है। घातक भी हो सकता है, क्योंकि दाँत टूट सकते हैं। गुण को उपादेय मान कर ग्रहण करो।

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मंगल आशीष

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May 16, 2024