Day: August 1, 2024

कषाय

1. अनंतानुबंधी… अनंत से बंध रही है, अनंत के लिये बंध रही है। इसलिए उसे हत्यारी कहा जाता है। 2. अप्रत्यास्थान… बेचारी (सिर्फ़ सम्यग्दर्शन करा

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अनुभूति

जियें ऐसे कि जीवत्व की अनुभूति हो ! मरें तो ऐसे कि अमरत्व की अनुभूति हो। आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी (30 जुलाई 2024)

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मंगल आशीष

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August 1, 2024