Day: December 30, 2024

निधत्ति / निकाचित

एक मत के अनुसार कर्मों के निधत्ति और निकाचित गुण देवदर्शन से समाप्त हो जाते हैं; दूसरे मत के अनुसार आठवें गुणस्थान में। वस्तुत: यह

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ध्यानस्थ

ध्यानस्थ… भौंरे को फूल पर गुनगुनाते समय पराग का स्वाद नहीं आता। जब स्वाद लेता है तब गुनगुनाता नहीं। ब्र. प्रदीप पियूष हम भी गृहस्थी

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मंगल आशीष

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December 30, 2024

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