Day: January 21, 2025

अनंत-चतुष्टय

एक बार अनंत-चतुष्टय प्राप्त कर लिया फिर कभी उन गुणों का नाश नहीं होता। प्रवचन आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी सही तो है, अनंत का

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पर

“पर” तो संसार में भी अवांछनीय है, ये काम हो तो सकता है “पर”। परमार्थ में “पर” (दूसरे) पर उपयोग गया तो “मैं” से हटा।

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मंगल आशीष

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January 21, 2025