गोत्र
चक्रवर्ती के साथ म्लेच्छ-खंड़ से आये पुरूषों के गोत्र, नीच से उच्च में परिवर्तित हो जाते हैं ( उनके उच्च गोत्र वालों से संबध होने से) ,
जबकि औरों का गोत्र परिवर्तन संभव नहीं होता ।
यानि क्षेत्र-म्लेच्छों का गोत्र परिवर्तन संभव है, जाति-म्लेच्छों का गोत्र परिवर्तन संभव नहीं है ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी