उपरोक्त कथन सत्य है कि जो संबंध भावनाओं से जुड़े रहते हैं,वह कभी टूटते नहीं हैं लेकिन जो संबंध स्वार्थ से जुड़े रहते हैं ,उसका टिकना मुश्किल होता है। यदि संबंध दूध और पानी की तरह होते हैं,वह हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं यदि संबंध पानी और तेल के होते हैं वह संबंध स्वार्थ के होते हैं। अतः संबंध भावानात्मक होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि जो संबंध भावनाओं से जुड़े रहते हैं,वह कभी टूटते नहीं हैं लेकिन जो संबंध स्वार्थ से जुड़े रहते हैं ,उसका टिकना मुश्किल होता है। यदि संबंध दूध और पानी की तरह होते हैं,वह हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं यदि संबंध पानी और तेल के होते हैं वह संबंध स्वार्थ के होते हैं। अतः संबंध भावानात्मक होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।