धर्म / नियम
धर्म कहता है – मरने से मत डरना (….मृत्यु आज ही आजाये….) ।
फिर कोरोना से धर्मात्मा क्यों डरता है ?
नियम टूटने से ।
जो मरने से नहीं डरते पर नियम टूटने से डरते हैं, उनके ही चमत्कार घटित होते हैं (….णमोकार मंत्र हमें प्राणों से भी प्यारा….) ।
मुनि श्री सुधासागर जी
6 Responses
धर्म का तात्पर्य सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र है या जीवों को संसार के दुखों से बचाकर मोक्ष सुख के पहुंचाना ही धर्म है।नियम का मतलब किसी व़त आदि का लेना होता है। अतः मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मरने से डरना नहीं है, यही धर्म है।कुछ लोग मरने से नहीं डरते हैं, लेकिन नियम टूटने से डरते हैं। धर्म का सच्चा आश्रय लेने पर मरने से डरते नहीं है एवं नियम का विधिवत पालन करते हैं।
Corona se “niyam” kaise break hote hain?
कौरोना से नियम नहीं टूटते, शंका की जा रही है कि एक तरफ तो गाते हो…(चाहे) मृत्यु आज ही आ जाये …और दूसरी तरफ कौरोना से डरते हो !
Phir ,
“फिर कोरोना से धर्मात्मा क्यों डरता है ?
नियम टूटने से ।”
Aisa kyun bola?
कौरोना से जाने वाले के न कोई पास जा सकता है, न वह गुरु/ भगवान के पास।
Okay.