स्वावलम्बन
सांप के भय से गुरु से गरुडी मंत्र मत पढ़वा लेना, वरना रस्सी ही सांप बन जायेगी।
थोड़ी बीमारी का ज्यादा रोना डॉक्टर से मत करना वरना डॉक्टर Heavy Dose दे देगा, side effects घातक हो जायेंगे तथा बड़ी बीमारी होने पर वे दवायें काम नहीं करेंगी।
कुछ ख़ुद भी तो करो/सहो !!
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
स्वावलंबन का तात्पर्य स्वयं के प़ति समपर्ण होना है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि जीवन में कुछ भी बीमारी,या अन्य परेशानियां हों तो स्वयं ही समता का भाव रखते पर ही समस्या सुलझाने में सहायक होती है। अतः जीवन में आत्मविश्वास एवं सकारात्मक भाव होना परमावश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता हैं।
Can meaning of “सांप के भय से गुरु से गरुडी मंत्र मत पढ़वा लेना, वरना रस्सी ही सांप बन जायेगी” be explained, please ?
छोटी छोटी बातों के लिए बड़ी बड़ी तोपें waste कर लोगे तो बड़ी बड़ी problems आने पर क्या करोगे ?
2) छोटी छोटी problems को भी deal करने की क्षमता खो बैठे !
Okay.