भगवान/गुरु वाणी
भगवान/गुरु वाणी पानी की तरह होती है,
पानी पात्रानुसार आकार ग्रहण कर लेता है;
भगवान/गुरु वाणी भी पात्र के अनुसार खिरती है।
मुनि श्री अरुणसागर जी
भगवान/गुरु वाणी पानी की तरह होती है,
पानी पात्रानुसार आकार ग्रहण कर लेता है;
भगवान/गुरु वाणी भी पात्र के अनुसार खिरती है।
मुनि श्री अरुणसागर जी
2 Responses
मुनि श्री अरुणसागर महाराज जी का भगवान् एवं गुरु वाणी का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो भगवान् एवं गुरु की वाणी पर विश्वास एवं श्रद्वान रखना परम आवश्यक है!
Beautiful post !!