भाग्य तो पापी के पास में भी होता है।
पुरुषार्थ पुण्यात्मा के ही।
चिंतन
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3 Responses
चिंतन में भाग्य एवं पुरुषार्थ का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में भाग्य भरोसे नहीं रहना चाहिए बल्कि पुरुषार्थ ही करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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चिंतन में भाग्य एवं पुरुषार्थ का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में भाग्य भरोसे नहीं रहना चाहिए बल्कि पुरुषार्थ ही करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
भाग्य प्रबल हो फिर भी
पुरुषार्थ जरूरी होता है।
पैदा एक नहीं करता है,
दो से ही सब होता है।।
Beautiful chintan !