Category: संस्मरण – अन्य
दीपावली महोत्सव
श्री आर. के. जैन ( Ad.Commissioner) के पास बहुत लोग दीपावली पर मिलने आते थे और बहुत सारी आतिशबाजी भी लाते थे । घर के
विचारधारा
गुरू के पास पहली बार एक विदेशी पहुँचे जिनको अध्यात्म में बहुत रुचि थी, गुरू से बहुत प्रभावित भी हुए । थोड़ी देर में गुरू
धर्म की विनय
करैया गाँव के बौहरे जी की हवेली मंदिर के सामने थी । उनका वैभव और यश चरम सीमा पर था, लोग अच्छा काम करने जाने
दया
लालमणी भाई ने सूद पर पैसे देने का काम जब बन्द किया, उस समय 384 लोगों से कर्ज़ा वापिस लेना था। जो जितना दे सका
Right Vision
महाराष्ट्र के IAS में Selected Candidates का सम्मान हो रहा था । 135 वीं Rank वाले श्री बालाजी धूप का चश्मा लगाये हुये थे, क्योंकि
झूठ
गांधी जी एक बच्चे के साथ भोजन कर रहे थे । बच्चे ने थाली में भोजन छोड़ दिया । गांधी जी ने उसकी थाली में
दान
श्री आतिफ़ ( आशीषमणी) के मित्र Canada में कार्यरत हैं, मुझसे मिलने बस से आ रहे थे जबकि घर में गाड़ीयां थीं । पूछने पर बताया
बड़े बोल
एक पंड़ित जी, मुझे लेकर साहू शांति प्रसाद जी से मिलने गये । साहू जी अधिकतर समय अपनी व्यस्तता का बखान करते रहे कि मेरा
अभयदान
एक ब्रम्हचारी जी कुछ हरी सब्जियों को रख कर बाकी का त्याग कर देते थे, और भोजन से पहले हाथ उठा कर बोलते थे –
पुण्य का खाता
करैया गांव में पंचकल्याणक हुआ । लालमणी भाई उस समय 10 वर्ष के थे और जलूस में हाथी पर बैठने की जिद करने लगे ।
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