Category: संस्मरण – अन्य
धर्मध्यान का फल
सन् 1994 में गुरू श्री के प्रथम दर्शन करके गुना से लौट रहे थे । श्री जैसवाल ने अपने Managing Director श्री आई. महादेवन के
मोक्ष/संसार
श्रीमति शकुंतला जी की आर्यिका दीक्षा सोनागिर जी में 23 मई 2010 को संपन्न होनी थी । Programme पता करने के लिये, उनके पुत्र श्री
समता / भाग्य
श्री दुग्गल जी दिल्ली में बैंक के वरिष्ठ अधिकारी थे। उनको कैंसर हो गया और बम्बई इलाज के लिये आते थे। अस्पताल वालों ने विदेश
संसारी सुख
सिंगापुर में एक मित्र हमेशा एक नं. छोटा जूता पहनते थे । पूछने पर ज़बाब दिया – जब Office से घर आकर जूता उतारता हूँ,
भावना
बारहवीं कक्षा में जब मेरा Dissection करने का नम्बर आता था, तो मैं Side वाले का देख कर काम चला लेता था । पर Exam में ड़र
प्रायश्चित
आचार्य शांतिसागर जी महाराज को आहार देते समय अम्मा जी से कोई त्रुटि हो गई। प्रायश्चित पूछ्ने पर पंड़ित जी ने बताया तो उन्होंने किसी दुसरे
द्रढ़ता
आयुष जैन (गुना ) 12 साल के बच्चे ने आचार्य श्री के श्री मुख से सुना कि एक शराबी हर समय शराब पीता था, उसे
पुरूषार्थ
एक बेटी ने कहा- आज भगवान ने मेरी इच्छा पूरी कर दी। उसके छोटे से भाई(रेयन) ने कहा – ये सही नहीं है, आज परीक्षा में मुझे
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