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जैन दर्शन
October 9, 2013
अकाम निर्जरा –>अपनी इच्छा के बिना इन्द्रिय-विषयों का त्याग करने पर तथा परवश होकर भोग – उपभोग का निरोध होने पर उसे शान्ति से सह लेना,
अकाम निर्जरा –>अपनी इच्छा के बिना इन्द्रिय-विषयों का त्याग करने पर तथा परवश होकर भोग – उपभोग का निरोध होने पर उसे शान्ति से सह लेना,
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