Category: प्रश्न-उत्तर
ध्यान
ध्यान आत्मा पर लगायें, शरीर पर नहीं । कारण ? ध्यान एक पर केन्द्रित किया जाता है, आत्मा एक है, शरीर के अनेक अंग तथा
अभिषेक
जो भगवान के लिये अभिषेक करता है या जो अभिषेक करता ही नहीं है, दोनों मिथ्यादृष्टि हैं । मुनि श्री सुधासागर जी
मोह
मोह कम कैसे करें ? आचार्य श्री – (पीछी कमण्ड़ल उठाकर चलते हुये) ऐसे कम करते हैं ।
कषाय नियंत्रण
ग्रहस्थ, क्रोध आदि पर नियंत्रण कैसे करें ? कषाय आए तो आने दो,बाढ़ को रोको । बाढ़ याने अति/ किनारे (सीमा) टूटना । बाढ़ रोकने
धर्म / शारीरिक कष्ट
क्या शरीर को कष्ट देकर धर्म करना सही है ? नहीं, धर्म से तो शारीरिक कष्ट सहने की शक्ति आती है । उस शक्ति को
ब्याज
एक समुदाय में ब्याज लेना गुनाह है, तो बाकीयों को लेना चाहिए ? शोषण (सामान्य से ज़्यादा नहीं) नहीं, पोषण (जिसमें दोनों पक्षों का भला
धर्मानुष्ठान
इतने धर्मानुष्ठान होने पर भी पाप बढ़ क्यों रहे हैं ? क्योंकि धर्मानुष्ठान से ज़्यादा पापानुष्ठान हो रहे हैं, जानवरों के कत्ल की चीखों की
सम्भावना
दूज के चाँद का इतना महत्व क्यों है ? क्योंकि उसमें सम्भावनायें (प्रगति की/पूर्ण चंद्र बनने की) सबसे ज्यादा होती हैं । पं श्री जवाहरलाल
हमारे धर्मध्यान का बच्चों पर असर
प्रश्न :- क्या हमारे धर्मध्यान/पुण्यकर्म हमारे बच्चों को लगेंगे ? श्रीमति शर्मा उत्तर :- यदि हमारे बच्चों के खाते में पुण्यकर्म नहीं हैं, तो हमारे
मृत्यु-भय
मृत्यु-भय किनको लगता है ? श्रीमति शर्मा मृत्यु-भय उनको होता है, जिन्हें कर्म-सिद्धांत पर और अपने कर्मों की अच्छाई पर भरोसा नहीं हो । यदि
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