Tag: आचार्य श्री विद्यासागर जी

चमत्कार

चमत्कार से चमत्कृत न हों, सबसे बड़ा चमत्कार, नमस्कार से घटित होता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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सतयुग / कलयुग

जहाँ बुरा बूरा लगे, वहाँ सतयुग, जहाँ खरा अखरे ,वहाँ कलयुग ! आचार्य श्री विद्यासागर जी

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भगवान / गुरु

भगवान धर्म की फसल के लिये बरसात है, गुरु नमी, जिससे एकाद फसल तो ले ही सकते हैं । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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अच्छा बुरा समय

जो पूर्णमासी नहीं मनाते, उनके जीवन में अमावस्या नहीं आती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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अपनी पूजा

भक्तों के द्वारा गुरु की पूजा करते समय गुरु को ध्यान से सुनना चाहिये ताकि अपने आपको उस योग्य बनाये रखने की प्रेरणा मिलती रहे,

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अहिंसा

हिंसा की हिंसा करना ही अहिंसा है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मन और इंद्रियाँ

इंद्रियों का व्यापार जब रुकता है, तब मन का व्यापार (असली रूप में) शुरू होता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी (मज़बूरी में मन को

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समझाना

हम इतना समझाते हैं पर कोई भी समझता क्यों नहीं ? चोर चोर की समझता नहीं है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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निर्मोह

जिसने घर से पैर निकाल लिया, उसका घर घरोंदा बन गया । वही उस घर को लात मार सकता है । * आचार्य श्री विद्यासागर

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मंज़िल

कितना चल लिये मत पूछो, कितना चलना है, यह भी मत पूछो; बस नीचे निगाह करते हुये (जीव रक्षा करते हुये) चलते रहो, मंज़िल अपने

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मंगल आशीष

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November 15, 2018

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