मन और इंद्रियाँ
इंद्रियों का व्यापार जब रुकता है, तब मन का व्यापार (असली रूप में) शुरू होता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(मज़बूरी में मन को इंद्रियों के व्यापार में साथ देना होता है ।)
चिंतन
इंद्रियों का व्यापार जब रुकता है, तब मन का व्यापार (असली रूप में) शुरू होता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(मज़बूरी में मन को इंद्रियों के व्यापार में साथ देना होता है ।)
चिंतन