Tag: पुण्य

पाप/पुण्य

पाप और पुण्य फुटबॉल के खेल की दो टीमें हैं। कम से कम पाप के गोल पुण्य से अधिक मत होने देना, पुण्य को जिताने

Read More »

पाप/पुण्य

पापोदय दु:ख को खाता है, पुण्योदय सुख को । श्रीमति साधना – मुम्बई

Read More »

पाप/पुण्य

पाप करना आसान है, उसका फल भुगतना कठिन । पुण्य करना कठिन है, उसका फल भुगतना आसान । (श्री आनंद)

Read More »

पुण्य और शांति

प्यासा कौवा पानी से आधे भरे घड़े में पत्थरों को ड़ालता है*, और अपनी प्यास बुझा लेता है** । *पुण्य जमा करता है, जो भविष्य

Read More »

पुण्य

चित्त की प्रसन्नता/पवित्रता ही पुण्य है । आचार्य श्री विभवसागर जी

Read More »

दान

दान से हमारे खाते में पुण्य नहीं पहुँच पाता, मात्र कुछ पाप धुल पाते हैं । क्योंकि पुरूष ढेरों पाप करते हैं, धन कमाने में,

Read More »

पुण्य

वही पुण्य श्रेष्ठ, जिसके उदय में भगवान की याद/ सामीप्य बढ़े । वह पुण्य निकृष्ट है, जिसके आने पर भगवान को भूल जाये/दूरियां बढ़ें ।

Read More »

पुण्य/पाप

जब खर्च कर रहे हो तो मान के चलिए कि पुण्य की कमाई है, और जब दान दे रहे हो तो मान के चलिए कि पाप की

Read More »

पुण्य

वैभव और सफलता, मेहनत और ज्ञान से ही नहीं मिलती, वरना मज़दूर और पंड़ितों के पास होतीं । इनके मिलने का मुख्य कारण है –

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

October 9, 2014

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930