विसंवाद से भी अचौर्य खंडित हो जाता है क्योंकि विसंवाद से श्रद्धा चोरी हो जाती है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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2 Responses
अचौर्य का मतलब दूसरों की वस्तु को उसकी अनुमति के बिना नहीं लेना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है विसंवाद से भी अचौर्य खंडित हो जाता है, क्योंकि विसंवाद से श्रद्धा लुट एवं चूर हो जाती है। अतः जीवन में संवाद ऐसा होना चाहिए ताकि विश्वास समाप्त न हो सके।
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अचौर्य का मतलब दूसरों की वस्तु को उसकी अनुमति के बिना नहीं लेना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है विसंवाद से भी अचौर्य खंडित हो जाता है, क्योंकि विसंवाद से श्रद्धा लुट एवं चूर हो जाती है। अतः जीवन में संवाद ऐसा होना चाहिए ताकि विश्वास समाप्त न हो सके।
Aagam me sab concepts bahut hi sooksham hain. Namasto Gurudev !